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आ गए ना अपनी औकात पर……..

it's second phase of coin
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आ गए ना अपनी औकात पर 

 

लड़का – मैं तुमसे प्यार करता हूँ…. 

 

लड़की – तुम मुझसे नहीं, मेरे शरीर से प्यार करते हो….. 

 

लड़का – हाँ, तुम सही बोल रही हो… 

 

लड़की (चौंकते हुए) – क..क…क्या मतलब…. 

 

लड़का – मेरा मतलब…..तुम जो कह रही हो….वो बिलकुल सही है…. 

 

लड़की (गुस्से से) – तुम्हें शर्म नहीं आती…..मेरे मुँह पर ऐसी बात करते हुए….. 

 

लड़का – इसमे शर्म वाली कौन सी बात है….मैं तुम्हें प्यार करता हूँ……इसका मतलब मैं तुम्हारे शरीर से भी प्यार करता हूँ…..तुम और तुम्हारा शरीर दोनों अलग-अलग तो है नहीं…..क्या शरीर के बिना तुम्हारा कोई अस्तित्व है…. 

 

लड़की (हकला जाती है….फिर खुद को सँभालते हुए बोलती है) – ज्यादा फिलोसफी मत झाडो,…..मैं तुम जैसे लड़कों को अच्छी तरह से जानती हूँ….. 

 

लड़का – क्या जानती हो….जरा मुझे भी तो बताओ…….क्या तुम्हें लगता है की तुम किसी को उसके  शरीर के बगैर प्यार कर सकती हो….. अच्छा चलो एक बात                                                 बताओ…..तुम्हारे घर में कोई बच्चा तो होगा……?    

  

लड़की (मुँह ऐंठते हुए) – हाँ है तो……..तुम्हें उससे क्या….?

  

लड़का (उसके मुँह बनाने के अंदाज को देखकर मुस्कुराता है) – तो तुम उससे प्यार भी करती होगी…..अब तुम ये बताओ की तुम्हें ऐसा क्यों लगता है की तुम उससे प्यार करती हो.                                                                                                                                                                       

मैं बताता हूँ………………………………………………….इसलिए क्योंकि तुम्हें उसकी हरकतें अच्छी लगती है…उसकी बातें, उसका तुतलाना तुम्हें अच्छा लगता है……तुम्हें उसे अपने गोद में उठाना अच्छा लगता है…..उसे अपने हाथों से खाना खिलाना अच्छा लगता है…………………बोलो क्या मैं सच बोल रहा हूँ…..

  

लड़की (अपने दिमाग पर जोर डालते हुए) – ह……..हाँ…….ऐसा ही है……..तो……….. इससे क्या साबित होता है..? 

 

लड़का – तुम्ही बतलाओ…क्या तुम उसे बिना उसके शरीर के प्यार कर सकती हो..?  क्या तुम उसे बिना देखे…..बिना छुए……बिना उससे बात किये …..ये बात बोल सकती हो की तुम उससे प्यार करती हो…. 

 

लड़की – तुम्हारा दिमाग खराब है क्या……क्या बकवास किये जा रहे हो……जब उसका शरीर ही नहीं होगा, तो क्या मैं हवा से प्यार करुँगी….. 

 

 

लड़का (उसकी बात सुने बिना अपनी बात जारी रखता है) – एक औरत बड़े गर्व से कह सकती है की वो अपने पति को बहुत प्यार करती है…….लेकिन भगवान न करे…अगर उसके पति की अचानक मौत हो जाये …….तो वह औरत तो यही कहेगी न की वो अपने पति को बहुत प्यार करती थी……..क्योंकि वो अब उसे प्यार कर ही नहीं सकती है………………अरे , जब कोई किसी से बात नहीं कर सकता है…किसी के साथ बैठकर खाना नहीं खा सकता है….किसी को स्पर्श नहीं कर सकता है…किसी के जरुरत में उसकी मदद नहीं कर सकता है…..तो फिर ……मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ…………………………….ये बोलने का मतलब ही क्या है……..जब किसी का शारीरिक अस्तित्व ही नहीं होगा ……तो भला प्यार किससे होगा….    

 

 

लड़की – बहुत स्मार्ट बनते हो…….इतनी लंबी चौड़ी राम-कहानी सुना रहे हो……..आखिर तुम चाहते क्या हो…… 

 

 

लड़का – मैं तुम्हें चाहता हूँ……..

  

लड़की (एक लंबी साँस छोडती है….जैसे वो उसकी बकवास सुनकर थक गयी हो..) – अच्छा ठीक है….ये बताओ..की अगर मैं बदसूरत होती …..तो क्या तब भी तुम मुझे चाहते ….? 

 

 

लड़का – बिलकुल नहीं…..

 

  

लड़की (आश्चर्य से उसे घूरती है) – देखा….देखा….साबित हो गया न की तुम मेरे शरीर से प्यार करते हो…

  

 

 

 

लड़का – अरे….इसमे साबित होने वाली कौन सी बात है……मैंने भला इस बात से इंकार कब किया की मैं तुम्हारे शरीर से प्यार करता हूँ….

 

 

 

 

 

  

 

लड़की (अपना सर पकड़ लेती है..उसे समझ में नहीं आता है की वो क्या बोले) – देखो..मिस्टर…..अभी-अभी तुमने जो उदाहरण दिया….वो एक बच्चे और एक पति की बात थी…..मगर मैं तो तुम्हें जानती तक नहीं……मैं भला तुम पर कैसे विश्वास कर लूँ…. 

 

 

 

आज तुम मुझे प्रपोज कर रहे हो…कल मेरे साथ डेट पर जाओगे …..परसों पिक्चर ले जाओगे…….फिर मुझे किस करोगे…….और फिर तुम ये बोलोगे….की मैं तुम्हारे साथ…..(लड़की थोडा हकलाती है)…………………………………………  मैं तुम्हारे साथ…..सेक्स करना चाहता हूँ…..तो….. 

 

 

 

लड़का (आँखे बंद करके एक लंबी साँस छोड़ता है) – देखो…..तुम शायद सोच रही हो की मैं तुम्हारी खूबसूरती की वहज से तुमसे ये सारी बातें कर रहा हूँ…………ये बात सच है की तुम सैकड़ों लड़कियों से ज्यादा खूबसूरत हो……..लेकिन लाखों लड़कियाँ तुमसे भी ज्यादा खूबसूरत हैं…………………..         

  

       बचपन से यही सुनता आया था की ईश्वर ने सबके लिये इस दुनिया में कोई न कोई जोड़ी बनाई है…………तुम्हें देखा ……तो मुझे ऐसा लगा की शायद उपरवाले ने तुम्हें मेरे लिये ही बनाया होगा…….. 

 

 

 

लड़की को अपनी बदतमीजी पे अफ़सोस हो रहा था….उसे लगा की पांचो अंगुलियां बराबर तो नहीं होती…सभी लड़के एक जैसे हो …..ये जरुरी तो नहीं………..और वैसे भी अभी तक इस लड़के ने कोई गलत बात तो बोली नहीं है ….ऐसे खुले विचारों वाले लोग आजकल होते ही कितने हैं…..अब वो लड़की भी उसे मन ही मन चाहने लगी… 

 

 

 

लड़की – देखो….मैं जिस तरह से तुमसे पेश आई…..उसके लिये मैं तुमसे माफ़ी चाहती हूँ…..दरअसल…आज समय इतना खराब है की…अगर कोई सच्चा इंसान भी अच्छी बातें करता है तो ऐसा लगता है की जरुर इसके पीछे इसका कोई न कोई स्वार्थ छिपा होगा…. ……. 

 

 

लड़का – अरे नहीं….मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है………सच पूछो तो ….तुम्हारी इसी सादगी  पर मै मर मिटा हूँ…..

  

 

लड़की लज्जा और शर्म से अपने दुपट्टे को होठों में दबा लेती है….और आँखे निचे करके दाहिने पैर के अंगूठे से जमीन कुरेदने लगती है……

  

 

लड़का – तो क्या मैं ये समझूँ की तुम भी मुझसे प्यार करती हो….? 

 

 

लड़की शरमाते हुए अपना सर हाँ के अंदाज में हिलती है……

  

 

लड़का आगे बढ़कर उसे अपनी बाँहों में भर लेता है………लड़की शरम से अपना मुखड़ा लड़के के सिने में छुपा लेती है…. 

 

 

लड़का – एक बात कहूँ….? 

 

 

लड़की – कहो…..

  

 

लड़का – क्या मैं तुम्हें किस कर सकता हूँ……

 

  

 

लड़की एक झटके से उसके सिने से अलग होती है……….और गुस्से में चिल्लाती है…. 

 

आ गए ना अपनी औकात पर……..

 

 

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