it's second phase of coin
- 14 Posts
- 61 Comments
क्या पता
आज एक बार मन्दिर हों आओ,
पूजा कर के प्रसाद भी चढाओ,
क्या पता कल के कलयुग में,
भगवन पे लोगों कि श्रद्धा हों न हों.
बारिश में आज खूब भिंगो,
झूम-झूम के बचपन कि तरह नाचो,
क्या पता बीते हुए बचपन कि तरह,
कल ये बारिश भी हों न हों.
आज हर काम खूब दिल लगा के करो,
उसे तय समय से पहले पूरा करो,
क्या पता आज कि तरह कल,
बाजुओं में ताकत हों न हों.
आज एक बार चैन कि नींद सो जाओ,
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो,
क्या पता कल जिंदगी में चैन,
और आँखों में कोई सपना हों न हों.
Read Comments