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क्या पता

it's second phase of coin
it's second phase of coin
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क्या पता

आज एक बार मन्दिर हों आओ, 

पूजा कर के प्रसाद भी चढाओ, 

क्या पता कल के कलयुग में, 

भगवन पे लोगों कि श्रद्धा हों न हों. 

 

बारिश में आज खूब भिंगो, 

झूम-झूम के बचपन कि तरह नाचो,

क्या पता बीते हुए बचपन कि तरह,

कल ये बारिश भी हों न हों.

आज हर काम खूब दिल लगा के करो,

उसे तय समय से पहले पूरा करो,

क्या पता आज कि तरह कल,

बाजुओं में ताकत हों न हों.

आज एक बार चैन कि नींद सो जाओ,

आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो,

क्या पता कल जिंदगी में चैन,

और आँखों में कोई सपना हों न हों.

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